राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा स्थित तरुण भारत संघ के ‘तरुण आश्रम’ में शुक्रवार को संस्था की 50वीं स्वर्ण जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि ‘जलपुरुष’ के नाम से विख्यात डॉ. राजेन्द्र सिंह ने पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक जागरूकता और युवा उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन उत्तराखंड के नायकों—भोपाल सिंह चौधरी, पीयूष जोशी और जसपाल सिंह चौहान—को प्रतिष्ठित सम्मान-पत्रों एवं शॉल-टोपी अर्पित कर सम्मानित किया।
समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, इसके बाद संस्थान के सचिव ने तरुण भारत संघ की आधी शताब्दी के दौरानenvironmental व सामाजिक उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत किया। कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता भी प्रसारित की।
मुख्य अतिथि डॉ. राजेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा, “पिछले पांच दशकों में तरुण भारत संघ ने न केवल पेड़ों को बचाया, बल्कि समुदायों को भी सशक्त बनाया। आज इन नायकों का सम्मान करना उसी मिशन का उत्सव है।” उन्होंने तीनों awardees के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “भोपाल सिंह ने किसानों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई, पीयूष ने समाज के वंचित वर्गों तक शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाईं, और जसपाल ने बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाया। उनका यह समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।”
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में क्रांतिकारी सोच रखने वाले भोपाल सिंह चौधरी, जो प्रकृति पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष एवं किसान मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, ने कहा, “यह सम्मान मेरे प्रयासों को नई दिशा देगा। मेरा लक्ष्य है कि जल सुविधाओं का न्यायपूर्ण वितरण हो और किसान-अनाज-जल तिकड़ी समृद्धि के नए आयाम खोले।”
सामाजिक कल्याण एवं महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित पीयूष जोशी, माधवी फाउंडेशन के अध्यक्ष, ने बताया, “मेरे संस्थान ने पिछले 15 वर्षों में सैकड़ों हितग्राहियों को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य मूलभूत सुविधाएं दिलाई हैं। यह पुरस्कार हमें और अधिक जन-आशाओं को पूरा करने का प्रोत्साहन देगा।”
युवा रोजगार सृजन के मोर्चे पर सक्रिय जसपाल सिंह चौहान, उत्तराखंड बेरोजगार संघ, देहरादून के जिला अध्यक्ष, ने अपनी बात रखते हुए कहा, “बेरोजगारी केवल समस्या नहीं, अवसर भी है। हम युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि वे स्वयं का रोजगार सृजित कर सकें। आज का यह सम्मान पूरे उत्तराखंड के युवाओं के संघर्ष को मान्यता देने जैसा है।”
समारोह के समापन अवसर पर सभी अतिथियों एवं सम्मानितों ने ‘प्रकृति बचाओ, पर्यावरण बचाओ’ के संकल्प का पाठ किया। आयोजकों ने आगाह किया कि केवल योजनाएं बनाकर काम नहीं चलेगा, सामूहिक प्रयासों और निरंतर जागरूकता से ही प्रकृति की रक्षा संभव है।
इस आयोजन में स्थानीय प्रशासन, शैक्षणिक संस्थान, सामाजिक कार्यकर्ता एवं सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। पत्रकारों से बात करते हुए तरुण भारत संघ के उपाध्यक्ष ने बताया कि आने वाले दिनों में जल-संरक्षण, वृक्षारोपण और युवा विकास के और भी कार्यक्रम चलाए जाएंगे, ताकि संघ का स्वर्णिम लक्ष्य — ‘हरे-भरे व समृद्ध समुदाय’ का गठन — साकार हो सके।